आज ये कहता है मन
सामने कर दो बयां काला दिल
जिसमें सपने सजाये आज तुमने
कह ना कितना कह ना था ,
यूं सोच न पाता कोई ,
है रूखसत जान अपनी ,
अब भला डरना क्या ?
उछाल दो बातें ....... ,
कर्म ऐसा भी नहीं की
दर्द भरता वो रहे ,
जाने कितना ही जिया है ,
आज मन मारे सही ,
कह दिया है मैं ये बात
उसके सामने ,
हो भला जो हो बुरा ,
कर अभी तू फैसला ,
कर अभी तू फैसला ।
bahut khoob. badhia rachna.
ReplyDeleteneeshu, bahut din baad hi sahi tum mere blog par aaye tippni ki , dhanyawaad.
subah ka bhoola shaam ko aa jaaye , bhoola nahin kahata.
This comment has been removed by the author.
ReplyDelete